Implantation Bleeding

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग

गर्भावस्था की शुरुआत में महिलाओं को कई तरह के शारीरिक बदलाव महसूस होते हैं। इन्हीं में से एक है इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग। अक्सर महिलाएँ इसे पीरियड्स समझकर भ्रमित हो जाती हैं, जबकि हकीकत कुछ और ही होती है।
तो चलिए, एक-एक करके विस्तार से समझते हैं

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग वह हल्का रक्तस्राव (हल्का स्पॉटिंग) होता है, जो तब होता है जब निषेचित अंडा (fertilized egg) गर्भाशय की दीवार में चिपकता है।
इसी प्रक्रिया को इम्प्लांटेशन कहा जाता है।

आसान शब्दों में कहें तो, यह गर्भावस्था की शुरुआती निशानी हो सकती है।

  • यह आमतौर पर ओव्यूलेशन के 6–12 दिन बाद होती है

  • सभी महिलाओं में यह जरूरी नहीं होती

  • यह पूरी तरह सामान्य और सुरक्षित मानी जाती है

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के प्रमुख लक्षण

हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। फिर भी, कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

1. हल्का गुलाबी या भूरे रंग का रक्त

  • खून बहुत हल्का होता है

  • रंग गुलाबी, हल्का लाल या भूरा हो सकता है

  • तेज लाल खून आमतौर पर नहीं आता

2. बहुत कम मात्रा में ब्लीडिंग

  • केवल स्पॉटिंग

  • पैड या टैम्पॉन की जरूरत नहीं पड़ती

3. कम समय तक रहना

  • कुछ घंटों से लेकर 1–2 दिन तक

  • 3 दिन से ज़्यादा आमतौर पर नहीं रहती

4. हल्का पेट दर्द या ऐंठन

  • पीरियड्स से काफी हल्का

  • कई बार बिल्कुल दर्द नहीं होता

5. अन्य शुरुआती प्रेग्नेंसी लक्षण

  • थकान

  • मतली

  • स्तनों में हल्का दर्द

  • मूड स्विंग्स

ब्लीडिंग के कारण

अब सवाल आता है—आख़िर ऐसा होता क्यों है?

मुख्य कारण:

जब निषेचित अंडा गर्भाशय की मोटी परत (endometrium) में खुद को स्थापित करता है, तो वहाँ मौजूद कुछ छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएँ टूट सकती हैं।
इसी वजह से हल्का सा रक्तस्राव दिखाई देता है।

इसे बीमारी या समस्या नहीं माना जाता—बल्कि यह एक नेचुरल बायोलॉजिकल प्रोसेस है।

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग और पीरियड्स में अंतर

यह सबसे ज़्यादा पूछा जाने वाला सवाल है। नीचे आसान तुलना दी गई है:

बिंदु इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग पीरियड्स
मात्रा बहुत हल्की ज़्यादा
रंग गुलाबी/भूरा गहरा लाल
अवधि 1–2 दिन 3–7 दिन
दर्द हल्का या नहीं ज़्यादा
समय पीरियड्स से पहले तय तारीख पर

अगर ब्लीडिंग हल्की है और जल्दी रुक जाती है, तो इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग की संभावना ज़्यादा होती है।

क्या इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हर महिला में होती है?

नहीं।
हर गर्भावस्था में इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है।

  • कुछ महिलाओं को होती है

  • कुछ को बिल्कुल नहीं होती

  • दोनों ही स्थितियाँ सामान्य हैं

इसलिए, ब्लीडिंग न होना गर्भ न ठहरने का सबूत नहीं है।

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के बाद क्या करें?

अगर आपको संदेह है कि यह इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हो सकती है:

  • 5–7 दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करें

  • अत्यधिक दर्द या भारी ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर से संपर्क करें

  • खुद से दवाइयाँ न लें

 “सावधानी में ही समझदारी है”—यहाँ यह बात बिल्कुल फिट बैठती है।

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?

निम्न स्थितियों में तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें:

  • बहुत तेज़ या लगातार ब्लीडिंग

  • असहनीय पेट दर्द

  • चक्कर आना या कमजोरी

  • पहले से कोई फर्टिलिटी समस्या

निष्कर्ष

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग समझना हर उस महिला के लिए ज़रूरी है जो गर्भधारण की योजना बना रही है।
यह एक सामान्य, सुरक्षित और शुरुआती गर्भावस्था का संकेत हो सकता है—बस सही जानकारी होना ज़रूरी है।
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