आज के समय में बांझपन (Infertility) एक आम लेकिन संवेदनशील समस्या बन चुका है। जब प्राकृतिक रूप से गर्भधारण संभव नहीं होता, तब आधुनिक प्रजनन तकनीकें (Assisted Reproductive Techniques – ART) एक आशा की किरण बनकर सामने आती हैं। इनमें सबसे लोकप्रिय और प्रभावी तरीका है—IVF (In Vitro Fertilization)।
इस विस्तृत गाइड में हम समझेंगे:
- आईवीएफ क्या होता है
- IVF प्रक्रिया कैसे होती है
- किन स्थितियों में IVF की सलाह दी जाती है
- सफलता दर और फायदे
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आईवीएफ क्या होता है?
IVF (इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन) एक ऐसी उन्नत उपचार तकनीक है, जिसमें महिला के अंडाणु (Eggs) और पुरुष के शुक्राणु (Sperm) को शरीर के बाहर लैब में मिलाया जाता है।
जब लैब में भ्रूण (Embryo) विकसित हो जाता है, तो उसे महिला के गर्भाशय (Uterus) में रखा जाता है ताकि प्राकृतिक रूप से प्रेग्नेंसी हो सके।
सरल भाषा में—
IVF = शरीर के बाहर निषेचन + गर्भाशय में भ्रूण स्थानांतरण
IVF की जरूरत कब पड़ती है? (Indications for IVF)
डॉक्टर निम्न स्थितियों में IVF की सलाह देते हैं:
- फेलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज
- PCOS या हार्मोनल असंतुलन
- एंडोमेट्रियोसिस
- पुरुषों में कम शुक्राणु संख्या (Low Sperm Count)
- अकारण बांझपन (Unexplained Infertility)
- बार-बार गर्भपात का इतिहास
- उम्र 35 से ज्यादा होने पर प्रेग्नेंसी में कठिनाई
- IUI या अन्य उपचारों की असफलता
IVF प्रक्रिया कैसे होती है? चरण-दर-चरण (Step-by-Step IVF Process)
IVF की पूरी प्रक्रिया आम तौर पर 4–6 सप्ताह में पूरी होती है। नीचे इसका सरल, उपयोगकर्ता-अनुकूल विवरण दिया गया है:
1. शुरुआती परामर्श और टेस्टिंग (Initial Consultation & Tests)
- हार्मोन प्रोफाइल टेस्ट
- अल्ट्रासाउंड स्कैन
- पुरुषों का सीमेन एनालिसिस
- मेडिकल हिस्ट्री रिव्यू
2. अंडाशय उत्तेजना (Ovarian Stimulation)
महिला को 8–12 दिनों तक हार्मोन इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि एक से अधिक अंडाणु विकसित हो सकें।
उद्देश्य: अधिक स्वस्थ अंडाणुओं का निर्माण, जिससे सफल गर्भधारण की संभावना बढ़े।
3. अंडाणु निकासी (Egg Retrieval)
यह प्रक्रिया अल्ट्रासाउंड-गाइडेड सुई के माध्यम से की जाती है और आमतौर पर 15–20 मिनट में पूरी हो जाती है।
यह सुरक्षित और लगभग दर्द-रहित होती है।
4. शुक्राणु संग्रह (Sperm Collection)
पुरुष से नमूना लिया जाता है और लैब में सर्वश्रेष्ठ शुक्राणुओं का चयन किया जाता है।
5. निषेचन (Fertilization: IVF/ICSI)
दो तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- IVF: अंडाणु और शुक्राणु को एक साथ रखा जाता है
- ICSI: एक-एक शुक्राणु को सीधे अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है
6. भ्रूण विकास (Embryo Development)
भ्रूण 3–5 दिनों तक लैब में बढ़ता है। लेट-ब्लास्टोसिस्ट ट्रांसफर के साथ सफलता दर अधिक होती है।
7. भ्रूण स्थानांतरण (Embryo Transfer)
एक पतली कैथेटर के माध्यम से विकसित भ्रूण को गर्भाशय में रखा जाता है।
यह 5–10 मिनट की सरल प्रक्रिया है, बिना एनेस्थेसिया।
8. प्रेग्नेंसी टेस्ट (Beta hCG Test)
भ्रूण ट्रांसफर के 12–14 दिन बाद रक्त परीक्षण से गर्भधारण की पुष्टि की जाती है।
IVF के फायदे (Benefits of IVF)
- बांझपन के अधिकतर मामलों में सफल
- उम्रदराज़ दंपत्तियों के लिए उपयोगी
- अनुवांशिक रोगों से बचाव (PGT तकनीक)
- डोनर एग/स्पर्म का विकल्प
- फ्रोजन एम्ब्रियो ट्रांसफर (FET) से अधिक सफलता
- LGBTQ+ और सिंगल पेरेंट्स के लिए भी विकल्प
IVF की सफलता दर (Success Rate of IVF)
सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है:
- महिला की उम्र
- एग और स्पर्म की गुणवत्ता
- जीनेटीक स्वास्थ्य
- क्लिनिक की लैब तकनीक
IVF से जुड़े FAQs (Schema-Friendly FAQs)
1. IVF कितने दिनों की प्रक्रिया है?
लगभग 4–6 सप्ताह लगते हैं, लेकिन यह व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है।
2. क्या IVF दर्दनाक होता है?
IVF के अधिकांश चरण दर्द-रहित या हल्के असहज हो सकते हैं, लेकिन जोखिम न्यूनतम है।
3. क्या IVF से जुड़वा बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है?
हाँ, यदि एक से अधिक भ्रूण ट्रांसफर किए जाते हैं।
4. क्या IVF 100% सफल होता है?
नहीं, लेकिन यह बांझपन के उपचारों में सबसे अधिक प्रभावी तकनीक मानी जाती है।
5. IVF की लागत कितनी होती है?
भारत में प्रति साइकिल औसत लागत ₹1,00,000 – ₹2,50,000 तक होती है (शहर और प्रक्रियाओं के आधार पर अलग-अलग)।
(चाहें तो मैं आपके शहर के हिसाब से एक कॉस्ट गाइड भी तैयार कर दूँ।)
निष्कर्ष
IVF ने आज लाखों दंपत्तियों को माता-पिता बनने का आनंद दिया है। आधुनिक तकनीक, अनुभवी डॉक्टरों और सही मार्गदर्शन के साथ IVF की सफलता और भी आसान, सुरक्षित और प्रभावी हो जाती है।
यदि आप बांझपन का सामना कर रहे हैं, तो डॉ. अनु्ष्का मदान जैसे विशेषज्ञ से परामर्श लेकर IVF जैसे विकल्पों पर विचार करना आपके लिए एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।